'जया' उड़ें रख प्रीत, निश्चिंत जीवन बीते।। 'जया' उड़ें रख प्रीत, निश्चिंत जीवन बीते।।
यह कविता मुश्केली में भी विश्वास से आगे बढ़ने का संदेश देती है । यह कविता मुश्केली में भी विश्वास से आगे बढ़ने का संदेश देती है ।
तब हमारा जीवन बेरंग सा होता है और चेहरे का नूर कहीं खो गया होता है तब हमारा जीवन बेरंग सा होता है और चेहरे का नूर कहीं खो गया होता है
अगर आना भी है मौत को सामने कोई और भी तो बहाना वो बनायेगी ! अगर आना भी है मौत को सामने कोई और भी तो बहाना वो बनायेगी !
जीवन से समझौता कैसे , हम सबको जीना यही हैं , प्रकृति ने हमें जन्म दिया , और हमें करन जीवन से समझौता कैसे , हम सबको जीना यही हैं , प्रकृति ने हमें जन्म दिया , ...
यह पिता भूले भटको का यह रक्षक आओ इसे प्रणाम करें प्रकृति का सम्मान करें। यह पिता भूले भटको का यह रक्षक आओ इसे प्रणाम करें प्रकृति का सम्मान करें।